Share Market टिप्स – क्या होता है P/E Ratio? शेयर खरीदने से पहले इसे देखना न भूले
पीई अनुपात (PE Ratio) का अर्थ और महत्व
प्रस्तावना (Introduction)
आपने शेयर बाजार के बारे में सुना है, जब भी लोग शेयर खरीदते या बेचते हैं, तो वे विभिन्न तरीकों से उनके मूल्य का मूल्यांकन करते हैं। एक ऐसा मूल्यांकन टूल है PE Ratio “Price to Earnings Ratio”,यह एक महत्वपूर्ण वित्तीय उपकरण है जिसका उपयोग निवेशकों के लिए विभिन्न निवेश संदर्भों में किया जाता है। इस ब्लॉग में, हम जानेंगे कि पीई अनुपात क्या होता है, इसका महत्व क्या है और यह निवेशकों के लिए कैसे महत्वपूर्ण हो सकता है।
पीई अनुपात का मतलब:
पीई अनुपात का पूरा नाम “Price to Earnings Ratio” है, जिसे “प्राइस टू ईयर्निंग्स रेशियो” भी कहा जा सकता है। यह एक वित्तीय अनुपात होता है जो किसी कंपनी के शेयर की मूल्यांकन की प्रक्रिया में उपयोग होता है। यह अनुपात निम्नलिखित तरीके से परिभाषित होता है:
पीई अनुपात = शेयर की मूल्य / प्रति शेयर की कमाई
PE Ratio = Current market price of one share / Earning per share
अगर किसी कंपनी का शेयर ्राइस 100 रुपये है और EPS 2 रुपये है तो उस कंपनी का PE Ratio होगा:
100 / 2 = 50
(जहां 100 कंपनी का शेयर प्राइस है, 2 उसका ईपीएस है और 50 उस कंपनी का पीई रेश्यो है)
Pe ratio कुछ और नहीं बल्कि किसी कंपनी के प्राइस और उसकी Earning का अनुपात है.
यहां, “शेयर की मूल्य” कंपनी के शेयर की वर्तमान मूल्य को दर्शाता है और “प्रति शेयर की कमाई” कंपनी के प्रति शेयर की आमदनी को दर्शाता है, जिसे प्रति शेयर आमदनी भी कहा जाता है।
पीई अनुपात की महत्वपूर्णता:
पीई अनुपात एक महत्वपूर्ण वित्तीय मापदंड है जो निवेशकों को एक कंपनी के शेयर की मूल्यांकन में मदद करता है। यह निम्नलिखित कारणों से महत्वपूर्ण होता है:
निवेश का निर्णय: पीई अनुपात निवेशकों को यह जानने में मदद करता है कि किसी कंपनी के शेयर की मूल्य उसकी कमाई के साथ कितना संगठित है। यदि एक कंपनी का पीई अनुपात उच्च है, तो यह दर्शाता है कि निवेशक अधिक मूल्य पर खरीदने के लिए तैयार हो सकते हैं, क्योंकि उस कंपनी की प्रति शेयर की कमाई भी अधिक होती है।
रिस्क का मूल्यांकन: पीई अनुपात निवेशकों को यह भी दिखा सकता है कि कंपनी के शेयर की मूल्य उसकी कमाई के साथ कितने अनुपातिक हैं। यदि पीई अनुपात अत्यधिक है, तो यह सूचित कर सकता है कि शेयर मूल्य अधिक होने की स्थिति में कंपनी के लिए अधिक आशातीत होना संभावना है, जिससे निवेश में अधिक जोखिम हो सकता है।
बाजार की सामान्य स्थिति का पता: पीई अनुपात को बाजार के सामान्य मूड और पूरे शेयर बाजार के मूड की एक झलक के रूप में भी देखा जा सकता है। यदि बाजार में पीई अनुपात की औसत दर हो, तो यह सामान्यत: बाजार के निष्पादन को दर्शाता है।
पीई अनुपात का उपयोग कैसे करें:
पीई अनुपात का उपयोग करके निवेशक यह निर्णय ले सकते हैं कि किसी कंपनी के शेयर को खरीदना सार्थक हो सकता है या नहीं। यह निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:
समान कंपनियों के साथ तुलना: निवेशक एक से अधिक कंपनियों के पीई अनुपात की तुलना करके देख सकते हैं कि कौनसी कंपनी उनकी निवेश प्राथमिकताओं के साथ मेल खाती है।
इतिहास का अध्ययन: कंपनी के पूर्व पीई अनुपात के आधार पर निवेशक यह देख सकते हैं कि कंपनी की शेयर मूल्यांकन में किसी तरह की बदलाव हुई है या नहीं।
उद्योग में परिपर्णता: पीई अनुपात को उद्योग के सामान्य परिपर्णता के साथ तुलना करके निवेशक यह देख सकते हैं कि कंपनी अपने समकक्षों के मुकाबले कितनी प्रतिष्ठित है।
पीई अनुपात की विभिन्न प्रकार:
समकक्ष पीई अनुपात (Trailing PE Ratio): यह अनुपात कंपनी की वास्तविक कमाई के साथ वर्तमान मूल्यांकन को मापता है। इसमें कंपनी की पिछली 12 महीनों की कमाई का प्रतिशतिस अनुपात मापा जाता है।
आगामी पीई अनुपात (Forward PE Ratio): यह अनुपात कंपनी की आगामी 12 महीनों की कमाई के साथ वर्तमान मूल्यांकन को मापता है। यह आगामी कमाई के आधार पर कंपनी की मूल्यांकन में सहायक होता है।
सेक्टर पीई अनुपात (Sector PE Ratio): यह अनुपात एक विशिष्ट उद्योग के सभी कंपनियों के शेयरों के वर्तमान मूल्यांकन का मापदंड होता है।
पीई अनुपात की सीमाएँ और मर्ज:
पीई अनुपात की एक महत्वपूर्ण बात है कि इसकी आकार सीमाओं में होती है और यह विभिन्न कंपनियों और उद्योगों के बीच भिन्न हो सकता है। आमतौर पर, एक कंपनी का पीई अनुपात उच्च होने का मतलब है कि निवेशकों की अपेक्षा है कि उस कंपनी की कमाई भविष्य में बढ़ सकती है। हां, इसके साथ ही उच्च पीई अनुपात यह भी सूचित कर सकता है कि शेयर मूल्य में ज्यादा उतार-चढ़ाव होने की संभावना है, जिससे निवेश में अधिक जोखिम हो सकता है।
निष्कर्ष:
पीई अनुपात एक महत्वपूर्ण वित्तीय मापदंड है जो निवेशकों को एक कंपनी के शेयर की मूल्यांकन में मदद करता है। यह उन्हें यह दिखाने में मदद करता है कि शेयर की मूल्य उसकी कमाई के साथ कितने संवादनशील और आकर्षक है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे पीई अनुपात को केवल एक वित्तीय उपकरण के रूप में ही नहीं देखें, बल्कि यह कंपनी के विकास और बाजार मूड की एक झलक प्रदान कर सकता है।