कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न (Candlestick Chart Patterns)
कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न (Candlestick Chart Patterns):- कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न को जापानी कैंडलस्टिक चार्ट भी कहा जाता है, तकनीकी विश्लेषण में उपयोग किए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण फाइनेंशियल टूल में से एक हैं। कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न का उपयोग स्टॉक में हमेशा इक्विटी, फॉरेक्स, करेंसी और कमोडिटी ट्रेडिंग आदि प्राइस के उतार-चढ़ाव पर नज़र रखने के लिए किया जाता है। कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न को समझने के लिए दैनिक आधार पर कीमतों की गतिविधि पर नजर रखी जाती है। दैनिक आधार पर चार तरह की कीमतें दर्ज होती हैं:-
- ओपन प्राइस(Open price): सुबह जब बाजार खुलता है तो ट्रेडिंग के दौरान एक्सेक्यूट होने वाली सबसे पहली कीमत होती है।
- उच्च प्राइस(High price):यह ट्रेडिंग डे के दौरान ट्रेड एक्सेक्यूट होने वाला सबसे उच्चतम कीमत होता है ।
- कम प्राइस(Low price): यह ट्रेडिंग डे के दौरान ट्रेड एक्सेक्यूट होने वाला सबसे कम कीमत होता है ।
- बंद प्राइस(Close price): यह आखिरी कीमत है जिस पर बाजार बंद होता है। यह एक महत्वपूर्ण संकेतक कीमत है जिससे ये पता चलता है की आज बाजार में मंदी थी या तेजी। यदि खुली कीमत बंद कीमत से कम होती है, तो बाजार में तेजी को माना जाता है, और यदि बंद कीमत खुली कीमत से कम होती है, तो बाजार में मंदी को माना जाता है। जिसकी की संरचना नीचे दी गई है।
कैंडलस्टिक चार्ट के रंग का इस्तेमाल बुलिश पैटर्न और बेयरिश पैटर्न के लिए (Use of candlestick chart color for bullish pattern and bearish pattern):-
- बुलिश पैटर्न(Bullish Patterns):- बुलिश पैटर्न के लिए ज्यादा से ज्यादा हरा और सफेद रंग का उपयोग किया जाता है।
- बेयरिश पैटर्न(Bearish Patterns):- बेयरिश पैटर्न के लिए ज्यादा से ज्यादा लाल और काला रंग का उपयोग किया जाता है।
कैंडलस्टिक चार्ट में बुलिश पैटर्न और बेयरिश पैटर्न की संरचना(Structure of Bullish Pattern and Bearish Pattern in Candlestick Chart):–
- बुलिश कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न की संरचना (Structure of Bullish Candlestick Chart Patterns):- बुलिश कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न की संरचना में तीन हिस्से होते हैं बॉडी, हेड और टेल जिसकी की संरचना नीचे दी गई है।
- बॉडी: यह हिस्सा ओपनींग प्राइस और क्लोज़ींग प्राइस की वैल्यू को दर्शाता है। बुलिश कैंडलस्टिक में ओपन प्राइस हमेशा क्लोज़ प्राइस से कम रहता है।
- हेड: बुलिश कैंडलस्टिक का हेड जिसे अपर शैडो के रूप में भी जाना जाता है, यह कैंडल की ओपनींग प्राइस से हमेशा सबसे उच्च कीमत को जोड़ता है।
- टेल: बुलिश कैंडलस्टिक की टेल जिसे लोअर शैडो के रूप में भी जाना जाता है, यह कैंडल की क्लोज़ींग प्राइस से हमेशा सबसे कम कीमत को जोड़ता है।
बियरिश कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न की संरचना (Structure of Bearish Candlestick Chart Patterns):- बियरिश कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न की संरचना में तीन हिस्से होते हैं बॉडी, हेड और टेल जिसकी की संरचना नीचे दी गई है।
- बॉडी: यह हिस्सा ओपनींग प्राइस और क्लोज़ींग प्राइस की वैल्यू को दर्शाता है। बियरिश कैंडलस्टिक में ओपन प्राइस हमेशा क्लोज़ प्राइस से ज्यादा रहता है।
- हेड: बियरिश कैंडलस्टिक का हेड जिसे अपर शैडो के रूप में भी जाना जाता है, यह कैंडल की ओपनींग प्राइस से हमेशा सबसे उच्च कीमत को जोड़ता है।
- टेल: बियरिश कैंडलस्टिक की टेल जिसे लोअर शैडो के रूप में भी जाना जाता है, यह कैंडल की क्लोज़ींग प्राइस से हमेशा सबसे कम कीमत को जोड़ता है।
अपर शैडो(Upper Shadow):-
अपर शैडो वास्तविक शरीर (Real Body) को दिन के सबसे उच्चतम प्राइस से जोड़ता है। अगर यह लाल कैंडल है तो हाई और ओपन एक दूसरे से जुड़ते हैं और अगर यह हरा कैंडल है तो हाई और क्लोज एक दूसरे से जुड़ते हैं।
अपर शैडो का बनना यह बताता है कि बाजार में बुल्स(Bulls) वालों ने बाजार को ऊपर ले जाने की पूरी कोशिश की लेकिन वह अपनी इस कोशिश में सफल नहीं हुए।
लोअर शैडो(Lower Shadow):-
लोअर शैडो वास्तविक शरीर (Real Body) को दिन के सबसे निचली प्राइस से जोड़ता है। अगर यह लाल कैंडल है तो लो और क्लोज एक दूसरे से जुड़ते हैं और अगर यह हरा कैंडल है तो लो और ओपन एक दूसरे से जुड़ते हैं।
लोअर शैडो का बनना यह बताता है कि बाजार में बेयर्स(Bears) वालों ने बाजार को नीचे ले जाने की पूरी कोशिश की लेकिन वह अपनी इस कोशिश में सफल नहीं हुए।
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