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तकनीकी विश्लेषण क्या है? (What is Technical Analysis)

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तकनीकी विश्लेषण क्या है? (What is Technical Analysis)

 

तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) :- तकनीकी विश्लेषण एक ऐसी तकनीक है, जो ऐतिहासिक चार्ट पैटर्न का उपयोग करके स्टॉक का विश्लेषण करने का एक विशेष तरीका है। शार्ट-र्टम निवेशक को निवेश के लिए निर्णय लेने में सहायक होती है। चार्ट और वॉल्यूम के पिछले पैटर्न को  देखकर शेयर मूल्य के व्यवहार में होने वाली हलचल का पता करके भविष्यवाणी करना है, कि भविष्य में इस स्टॉक की कीमत  बढेगा या गिरेगा । तकनीकी विश्लेषण के लिए  चार्ल्स हेनरी डॉव (Charles Henry Dow) को पिता के रूप में जाना जाता है। क्योकि तकनीकी विश्लेषण इनके सिधान्तो से विकसित हुआ था ।

 

बुल बाजार(Bull market):- बुल बाजारों में लोगों की भावनाएं सकरात्मक होती हैं और खरीदारी पर ध्यान केंद्रित करते हैं, भले ही उस समय कीमतें काफी ज्यादा हो, उसके बावजूद उच्च कीमतों पर खरीदारी करना जारी रखते हैं।

मंदी बाजार(Bear market):- मंदी बाजारों में लोगों की भावनाएं नकारात्मक होती हैं और बिक्री पर ध्यान केंद्रित करते हैं, भले ही उस समय कीमतें काफी कम हो, उसके बावजूद कम कीमतों पर बिक्री करना जारी रखते हैं।

 

प्राइस मूवमेंट का अनुमान लगाना (Forecasting price movement) :-

प्राइस मूवमेंट (Price movement):- तकनीकी विश्लेषण की जानकारी के कारण किसी भी स्टॉक की कीमतों की गति का अनुमान लगाकर ट्रेडर अधिक से अधिक लाभ कमा सकता है। प्राइस मूवमेंट को समझने के लिए दैनिक आधार पर कीमतों की गतिविधि पर नजर रखी जाती है। दैनिक आधार पर चार तरह की कीमतें दर्ज होती हैं:-

  • ओपन प्राइस(Open price): सुबह जब बाजार खुलता है तो ट्रेडिंग के दौरान निष्पादित होने वाली सबसे पहली कीमत होती है।
  • उच्च प्राइस(High price):यह ट्रेडिंग डे के दौरान ट्रेड निष्पादित होने वाला सबसे उच्चतम कीमत होता है ।
  • कम प्राइस(Low price): यह ट्रेडिंग डे के दौरान ट्रेड निष्पादित होने वाला सबसे कम कीमत होता है ।
  • बंद प्राइस(Close price): यह आखिरी कीमत है जिस पर बाजार बंद होता है। यह एक महत्वपूर्ण संकेतक कीमत है जिससे ये पता चलता है की आज बाजार में मंदी थी या तेजी। यदि खुली कीमत बंद कीमत से कम होती है, तो बाजार में तेजी को माना जाता है, और यदि बंद कीमत खुली कीमत से कम होती है, तो बाजार में मंदी को माना जाता है।

प्राइस मूवमेंट कभी-कभी खुद को दोहराता है(Price movement sometimes repeats itself )

शेयर बाजार में प्राइस मूवमेंट कभी-कभी खुद को दोहराता है, और आप इसके दोहराने की प्रवृत्ति को समझ लेते हैं, तो पैसा बनाना काफी आसान हो जाता है। आप कम कीमत पर खरीद कर और उच्च कीमत पर बिक्री की रणनीति के साथ जा सकते हैं, या आप फ्यूचर ट्रेडिंग के लिए अच्छी रणनीति बना सकते हैं।

चार्ट और ग्राफ का उपयोग करना (Using of charts and graphs

स्टॉक के तकनीकी विश्लेषण स्पॉट मूल्य प्रवृत्तियों को पढ़ने के लिए चार्ट और ग्राफ का उपयोग करते है। चार्ट आपको प्राइस मूवमेंट की प्रवृत्ति के बारे में बहुत कुछ बताता है। चार्ट के माध्यम से प्राइस मूवमेंट का अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है।

ऊपर का रुझान (Uptrends)

ऊपर की ओर प्राइस मूवमेंट को अपट्रेंड के रूप में जाना जाता है। रोज़ाना शेयर की कीमत एक नए उच्च कीमत की ओर बढ़ती है और फिर पहले की तरह नीचे गिर जाती है। यह उच्च कीमत जीवनकाल की उच्च कीमत नहीं है, लेकिन यह अंतिम दिन, सप्ताह या महीने का उच्चतम हो सकता है। यह एक संकेत है कि इस स्टॉक को खरीद सकता है क्योंकि यह ऊपर की प्रवृत्ति में है। इसलिए, जब भी स्टॉक गिरता है, निवेशक को इसे खरीदने का मौका मानना चाहिए ।

नीचे का रुझान (Downtrends)

नीचे की ओर प्राइस मूवमेंट को डाउनट्रेंड के रूप में जाना जाता है। स्टॉक की कीमत लगातार गिरता है। इस गिरावट के कारण निवेशक आश्वस्त हो जाते हैं कि शेयर की कीमत में और गिरावट आएगी। इसलिए, निवेशक गिरावट प्रवृत्ति के कारण आगे खरीदना पसंद नहीं करते हैं। यदि आप अल्पावधि निवेशक हैं तो यह आपके लिए खरीदना एक हानिकारक स्थिति होगी, लेकिन यदि आप दीर्घकालिक निवेशक हैं तो आप थोड़ी अधिक कीमतों में गिरावट की प्रतीक्षा कर सकते हैं।

साईंडवेज ट्रेंड (Sideways Trends)

साईंडवेज ट्रेंड एक प्रवृत्ति है जिसमें कोई फिक्स प्रवृत्ति नहीं होती है। लेकिन, आप यह तय नहीं कर सकते कि स्टॉक कहां खरीदना या बेचना है।

 

समर्थन और प्रतिरोध (Support & Resistance)

समर्थन और प्रतिरोध (Support & Resistance):- तकनीकी विश्लेषण में समर्थन और प्रतिरोध स्टॉक प्राइस मूवमेंट की दो अवधारणाएं हैं। जब शेयर की कीमत इन बिंदुओं में से किसी एक तक पहुंच जाती है, तो वहां कुछ संभावनाएं उत्पन्न हो जाती हैं। जैसे कि शेयर की कीमत उस स्तर को तोड़ सकता है, या ऊपर या नीचे जा सकता है।

  • प्रतिरोध(Resistance):- प्रतिरोध एक स्टॉक के उच्चतम कीमत का एक स्तर है, जहां से ट्रेडर फिर से बिक्री शुरू कर देते हैं और शेयर की कीमत फिर से गिरने लगता है। एक बार प्रतिरोध के क्षेत्र की पहचान हो जाती है, तो ट्रेडिंग आपके लिए आसान हो जाती है।
  • समर्थन (Support):- समर्थन एक स्टॉक के निमन्तम कीमत का एक स्तर है, जहां से ट्रेडर फिर से खरीदारी शुरू कर देते हैं और शेयर की कीमत फिर से बढ़ने लगता है। एक बार समर्थन के क्षेत्र की पहचान हो जाती है, तो ट्रेडिंग आपके लिए आसान हो जाती है।

संकेतकों के उपयोग (Use of Indicators) 

संकेतक तकनीकी विश्लेषण की गणना है जो प्राइस मूवमेंट की जानकारी की प्रवृत्ति का समर्थन करता है। यह आपको खरीदने और बेचने के निर्णय को पहचानने में मदद करता है। तकनीकी विश्लेषण के लिए  संकेतक बहुत सारे है, यहाँ कुछ प्रकार के संकेतक दिए जा रहे है, जो इस प्रकार है:-

  • Moving Avrage (सामान्य गति)
  • Average True Reng (औसत ट्रू रेंज)
  • Bollinger Bands (बोलिंगर बैंड)
  • Stochastic (स्टोकेस्टिक)
  • Super Trend (सुपर ट्रेंड)
  • Relative Strength Index (RSI) (रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स)
  • Pivot Points Standard (धुरी अंक मानक)
  • MACD (एमएसीडी)
  • Ichimoku Cloud (इचिमोकू बादल)

 

मानचित्र के उपयोग (Use of Charts) 

तकनीकी विश्लेषण में स्टॉक प्राइस मूवमेंट की जानकारी (Data) को आसानी से देखने और समझने में चार्ट का इस्तेमाल किया जाता है, यह आपको खरीदने और बेचने के निर्णय को पहचानने में मदद करता है। तकनीकी विश्लेषण में स्टॉक प्राइस मूवमेंट के लिए चार्ट बहुत सारे है, यहाँ कुछ प्रकार के चार्ट दिए जा रहे है, जो इस प्रकार है:-

  • लाइन चार्ट (Line Chart)
  • बार चार्ट (Bar Chart)
  • कैंडिलिस्टिक चार्ट(Candlestick Chart)

 

बार चार्ट (Bar Chart)

bar chart

 

लाइन चार्ट (Line Chart)

line chart

 

कैंडिलिस्टिक चार्ट(Candlestick Chart)

candlestick chart

 

 

  पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद ! आप अपने विचार को निचे कमेंट में लिख सकते है।

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